स्कूल की पढ़ाई में 10th के बाद सबसे पहला जो काम होता है वह होता है सब्जेक्ट का चयन। या तो आप बॉयोलॉजी से संबंधित विषय पसंद कर सकते हैं या कॉमर्स का चयन कर सकते हैं या मैथमेटिक्स का चयन कर सकते हैं। आप कॉमर्स का चयन करते हैं तो आप पूरी तरह से वाणिज्य के क्षेत्र में चले जाएंगे और अगर आप बॉयोलॉजी या मैथ सब्जेक्ट का चयन करते हैं तो इसमें से आपको एक सब्जेक्ट लेना होगा या तो आप चाहे तो दोनों साथ में ले सकता है या अलग-अलग ले सकते हैं लेकिन यहां पर बात हो रही है सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की तो आपको मैं कहूँगा कि आप मैथ सब्जेक्ट 11th क्लास में साथ में ले सकते हैं अगर चाहे तो बायोलॉजी सब्जेक्ट भी साथ में ले सकते एक्स्ट्रा में, जो की कोई जरूरी नहीं है।
12th बाद क्या करें?
स्कूल में मैथ सब्जेक्ट के साथ पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद आपको डिग्री लेनी होगी और वह डिग्री या तो BCA होगी या BSC होगी या BE होगी या B.Tech भी हो सकती है यह बैचलर डिग्री है जो आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए लेनी ही होंगी। बिना डिग्री लिए आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर नहीं बन सकते हैं।
मान लीजिए कि अगर आप BCA करना चाहते हैं तो आप कर सकते हैं या BSC भी कर सकते हैं। बीएससी और BCA की फीस कम होती है इसके विपरीत B.Tech/BE अगर आप करते हैं तो उसकी फीस भी बहुत ज्यादा होती है और इसके साथ ही साथ वह 4 साल का कोर्स होता जबकि BCA एवं बीएससी 3 साल का कोर्स होता है।
अगर हम बात करें डिग्री की तो BCA हो या BSC हो या B.Tech हो या BE हो। इन सब डिग्री में एडमिशन लेने के लिए एक एग्जाम होता है जो आपको देना होता है। 12वी के बाद ही और एग्जाम को क्लियर करके आप इंजीनियरिंग की डिग्री के लिए एडमिशन ले सकते हैं अगर आप अच्छे से qualify नहीं कर पाते हैं तो आप छोटे लेवल के कॉलेज से भी डिग्री ले सकते हैं और आप बहुत पढ़ाकू हैं, बहुत अच्छे से आप पढ़ते हैं या आप higher studies में जाना चाहते हैं तो सबसे ऊंचा आपके लिए रहेगा IIT.
IIT की मदद से आप सबसे बड़े सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं और अच्छी से अच्छी, बड़ी से बड़ी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पोजीशन पर नौकरी कर सकते हैं।
बैचलर डिग्री में किस ब्रांच का चयन करें?
एडमिशन लेने के बाद आपको ब्रांच का चयन करना होता है। मान लीजिए पूरी तरीके से सिर्फ सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं तो मैं आपको उसके लिए इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ब्रांच का चयन करने के लिए कहूंगा। इसके अलावा अगर आप हार्डवेयर से संबंधित भी होना चाहते हैं तो आपको मैं कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के लिए कहूंगा जिसमें सॉफ्टवेयर-हार्डवेयर दोनों होंगे। अगर इसके अलावा आप नेटवर्किंग से जुड़ें फील्ड में भी जाना चाहते हैं जो it से भी जुड़ा है और नेटवर्किंग में भी रहे आप तो उसके लिए आपको मैं इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच का चयन करने के लिए कहूंगा।
B.Sc एवं BCA 3 साल का होता है जबकि BE या B.Tech 4 साल का होता है। दोनों ही डिग्री होती है और इनकी सहायता से आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं।
सीधे और साफ शब्दों में कहूं तो इसके लिए आपको आईटी, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच का चयन करना होगा। इसके बाद भी आप पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं तो एमटेक, ME, एमएससी या एमसीए भी कर सकते हैं।
Programming languages for software engineer
दोस्तों डिग्री लेना ही सिर्फ काफी नहीं है आपको डिग्री से संबंधित जानकारी भी होना अति आवश्यक है जो आपको कोई पढ़ाया जाएगा उसका ध्यान होना बहुत आवश्यक है इसके अलावा जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वह यह है कि आपको सॉफ्टवेयर की कोडिंग के लिए कंप्यूटर भाषा का ज्ञान होना चाहिए या यह कहूं की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का ज्ञान होना चाहिए जैसे C, C++, Java, Oracle, .Net etc का ज्ञान होना अति आवश्यक है अगर आप इन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज इसका ज्ञान नहीं ले पाते हैं और सिर्फ डिग्री करके पूरी कर लेते हैं तो सिर्फ आपकी डिग्री कहलाएगी क्योंकि अगर आपको किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब करना है तो इसके लिए इन भाषाओं का ज्ञान होना अति आवश्यक है तभी आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर कहलाएंगे।
दोस्तों! आप अगर इसके बारे में पहली बार सुन रहे हैं तो मैं आपको बता दूं ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग या OOPs जो कि एक सब्जेक्ट है इसके बारे में आपको बहुत अच्छे से पता होना चाहिए। यह भी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सब्जेक्ट है इसके बारे में आपको अच्छे से अध्ययन करना होगा।
दोस्तों! सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना कोई बहुत बड़ा या बहुत कठिन काम नहीं है कोई भी व्यक्ति स्कूल में 10th के बाद 11th और 12th में साइंस+मैथ सब्जेक्ट लेकर के इंजीनियरिंग की डिग्री के लिए अप्लाई कर सकता है और अच्छी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का ज्ञान लेकर के किसी भी बड़ी कंपनी में जैसे TCS, Wipro या Infosys आदि कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पोस्ट पर जॉब कर सकता है।
This inedurocts a pleasingly rational point of view.