दोस्तों हम सभी के घर में खाना बनता है और उस घर में मसाले डाले जाते हैं और कुछ मसाले मार्केट से लिए जाते हैं जिनमें से एम.डी.एच. मसाले (MDH Masala) भी होते हैं, मार्केट में बहुत सारी कंपनी के मसाले होते लेकिन बहुत सारे लोग एमडीएच मसाले को पसंद करते हैं। दोस्तों क्या आप जानते एम डी एच मसाले के खोजकर्ता की कहानी? इस लेख में आपको एमडीएच का फुल फॉर्म (MDH full form in Hindi) एवं MDH के खोजकर्ता के बारे में छोटी सी जानकारी दी जा रही है।
आइए जानते एमडीएच के फुल फॉर्म के बारे में एमडीएच के खोजकर्ता का नाम है महाशय धर्मपाल हट्टी एवं Mahashian Di Hatti, MDH का full form है।[toc]
MDH full form
Mahashian Di Hatti
महाशय धर्मपाल गुलाटी के बारे में
महाशय धर्मपाल जी का जन्म 1923 में सियालकोट जो पाकिस्तान में है 27 मार्च को हुआ था। उनके पिता का नाम था चुन्नीलाल एवं मां का नाम था माता चंदन देवी जो बेहद ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे एवं आर्य समाज को मानते थे। जैसा की हमने एमडीएच की वेबसाइट पर पढ़ा। साल 1935 में उन्होंने school छोड़ दिया और पांचवी क्लास भी कंप्लीट नहीं कर पाए।
साल 1935 में उन्होंने अपने पिता की मदद से एक छोटा सा बिजनेस खोला कांच का या शीशे का और उसके बाद साबुन का फिर उन्होंने कारपेंटर की जॉब भी करी क्लॉथ मार्केट में भी जॉब की हार्डवेयर बिजनेस एवं चावल के लेन-देन में भी हाथ आजमाया परंतु यह सभी बिजनेस में वह सफल ना हो पाए और आगे तक टिक नहीं पाए या यह कहें कि यह बिजनेस उन को रास नहीं आया या पसंद नहीं आया फिर उन्होंने अपने पिता के साथ, उनका जो पैतृक बिजनेस है मसालों का, उस में हाथ बटाने लगे। जिसका नाम था Mahashian Di Hatti जोकि Deggi Mirch Wale के नाम से प्रसिद्ध थी।
MDH full form in Hindi
महाशियां दी हट्टी
एमडीएच मसाला कंपनी की शुरुआत
जब हमारे देश का विभाजन हुआ तो उसमें इंडिया और पाकिस्तान दो देश बने। वह 27 सितंबर 1947 को भारत में आ गए और उनके पास केवल ₹1500/- थे।
उन पैसों में से उन्होंने अपने लिए ₹650/- का तांगा खरीदा और उसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कुतुब रोड एवं करोल बाग से लेकर के 12 हिंदू राव तक चलाया।
इसके बाद उन्होंने एक छोटी सी लकड़ी की दुकान खरीदी जोकि अजमल खान रोड, करोल बाग, नई दिल्ली में स्थित है और यहां पर उन्होंने अपने पारिवारिक बिजनेस, जो मसालों का था, को फिर से शुरू किया और एक बैनर बनवाया जिस पर लिखा था Mahashian Di Hatti of Sialkot “Deggi Mirch Wale”.
फिर इसी बिजनेस के साथ वह आगे बढ़ते गए और इसी बिजनेस में वह सफल होते गए और बहुत सारे लोग उनके इस बिजनेस को फॉलो करने लगे। धीरे-धीरे MDH ब्रांड बन गया और बहुत सारे लोग इस मसाले का उपयोग करने लगे। महाशय जी द्वारा बताया गया है कि इसमें कोई भी सीक्रेट फार्मूला नहीं है।
वह सिर्फ पूर्ण रूप से साफ सुथरा, शुद्ध एवं quality से भरा मसाला बेचने में विश्वास करते है।
MDH Products
एमडीएच ब्लैक पेपर, एमडीएच देगी मिर्च MDH हल्दी पाउडर, एमडीएच कश्मीरी मिर्च, एमडीएच कसूरी मेथी, MDH लाल मिर्च etc.
महाशय जी द्वारा किए गए सराहनीय कार्य
अस्पतालों का निर्माण
साल 1975 नवंबर का महीना, उन्होंने 10 बिस्तर वाला आंखों का अस्पताल बनवाया जो कि आर्य समाज, सुभाष नगर, नई दिल्ली में स्थित है।
उसके बाद 1984 में जनवरी महीने में एक और अस्पताल बनवाया जनकपुरी, नई दिल्ली में जो 20 बिस्तर वाला था यह अस्पताल उन्होंने अपनी मां माता Chanan Devi की याद में बनवाया।
इसके अलावा 300 बिस्तर वाला 5 एकड़ जमीन पर एक अस्पताल बनवाया जो कि एक बहुत अच्छा गिफ्ट था वहां के लोगों के लिए जो वेस्ट दिल्ली में था जहां पर कोई आस पास अस्पताल नहीं था उस अस्पताल में MRI, CT Scan, IVF, Heart Wing, Neuro Sciences etc की सुविधा है।
स्वयं महाशय जी उस अस्पताल में नियमित तौर से आते जाते हैं एवं वहां के जो मैनेजमेंट में जो भी कार्य होता उस में पार्टिसिपेट भी करते हैं आज भी इस अस्पताल में गरीब लोगों का फ्री में इलाज किया जाता है या बहुत ही कम पैसों में इलाज किया जाता है एवं लाखों रुपए की दवाइयां भी फ्री में बांट दी जाती है साल भर में।
गरीब बच्चों एवं महिलाओं के लिए किये गए कार्य
महाशय धर्मपाल जी ने बच्चों की शिक्षा के लिए काफी स्कूल खोलें जैसे एमडीएच इंटरनेशनल स्कूल, महाशय चुन्नीलाल सरस्वती शिशु मंदिर, माता लीलावती कन्या विद्यालय, महाशय धर्मपाल विद्या मंदिर आदि। उन्होंने खुद अपनी दम पर ही 20 स्कूल खोलें जो कि गरीब लोगों के लिए हैं।
इसके अलावा महाशय जी की मदद से काफी गरीब महिलाओं की या लड़कियों की शादी हुई जो आज एक विवाहित सुखद वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रही हैं।
इसके अलावा महाशय जी ने अपने जीवन में जितना हो सका अच्छा काम किया है और गरीब लोगों की गरीब बच्चों की मदद हमेशा की है इसके अलावा महाशय जी बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति के इंसान थे और धर्म का बहुत सम्मान करते थे चाहे हिंदू, मुस्लिम, सिख यह किसी अन्य धर्म का त्यौहार हो वह सभी धर्मों में देखे जाते।
ऐसा माना जाता है की वह कोई भी ऐसी जगह या ऐसे समुदाय का भाग नहीं बनना चाहते थे जो तोड़ने का काम करती हो इसीलिए वह कभी भी राजनीति में नहीं उतरे।
महाशय जी के अनुसार आप “दुनिया को अपना सबसे अच्छा दे दो, आपके पास खुद-ब-खुद सबसे अच्छा मिलेगा”।
यह जानकारी MDH मसाले की वेबसाइट से ली गई है http://mdhspices.com/mdh-mahashaya-ji/
पुरुस्कार
उन्हें 2019 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
निधन
जैसा की हम सभी जानते हैं की वर्ष 2020 सभी के लिए काफी ख़राब रहा और काफी जाने माने लोग इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए। वर्ष 2020 के आखरी महीने दिसंबर की दिनांक तीन को कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) से 97 वर्ष की आयु में इनका निधन हुआ।
इनके जीवन में कभी भी, किसी भी प्रकार के विवादों के बारे में कोई बात नहीं हुई न कभी किसी विवाद या गलत कामों में इनका नाम आया।
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Mujhe aaj sachi jankari kap pata chal gya mdh masala ki jankari ka is liye shik mili aaj mahasiha dharmpal hatti 1923 march 27 march ko birth ko hua aaj wo parchlit hu fathar name chunilal monther name chandan devi aarya samaaz ke thye dharm prviti ke thye